भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने के बाद, अगर दाऊजी के दर्शन ना हुए तो ब्रज भ्रमण पूरा नहीं माना जाता है। एक ओर जहां ब्रज के कण-कण में श्रीकृष्ण का वास है, तो वहीं दूसरी ओर ब्रज में दाऊजी की भी विशेष कृपा अपने भक्तों पर बरसती है। अब आप ब्रज की प्रसिद्ध होली को ही ले लीजिए। जिसकी शुरुआत जहां श्री कृष्ण की जन्मस्थली से होती है, तो वहीं इसका अंत यानि हुरंगा दाऊजी पर केंद्रित होता है। ब्रज में दाऊ जी के इसी महत्व को दर्शाता है, श्री दाऊ जी मंदिर। तो आईए आपको ब्रज के इस पवित्र मंदिर का दर्शन कराते हैं।
विषय सूचि
दर्शन का समय
प्रात: 06:00 AM – 12:00 Noon
सायं – 04:00 PM – 10:00 PM
मंदिर की निर्माण शैली और विग्रह वर्णन


मथुरा से करीब 21 किलोमीटर दूर बलदेव में स्थित श्री दाऊ जी मंदिर, ब्रज में बलराम जी का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है। जहां बलराम जी की अत्यन्त मनोहर विशाल प्रतिमा मौजूद है। जिसे ब्रज मंडल की सबसे बड़ी मूर्ति माना जाता है। जो काले रंग की 7 फीट लंबी मूर्ति है। वहीं उत्तम पोशाक और अलंकरणों से सुसज्जित, मूर्ति की भव्यता देखते ही बनती है। इसके साथ हीं मंदिर में मुख्य देवता भगवान बलराम जी के अलावा, उनकी पत्नी रेवती जी की भी एक अत्यंत शोभनीय मूर्ति मौजूद है।
श्री दाऊ जी मंदिर के मुख्य गर्भगृह के अंदर, दीवारों पर सुंदर कलाकृतियाँ बनी हुई हैं। वहीं मंदिर के चार मुख्य दरवाजे, मंदिर को भव्यता प्रदान करते हैं। जिन्हे सिंहचौर, जनानी ड्योढी, गोशाला द्वार और बड़वाले दरवाजे के नाम से जाना जाता है।


श्री दाऊ जी मंदिर के चारों ओर सर्प की कुंडली की तरह परिक्रमा मार्ग में एक बाजार है। मंदिर के पीछे एक विशाल कुंड भी है, जो ‘बलभद्र कुंड’ के नाम से जाना जाता है। जो श्री दाऊ जी मंदिर को, भारत का आकर्षक तीर्थ स्थल बनाता है। दाऊजी मंदिर परिसर में एक निकटवर्ती प्रांगण है। जहाँ एक छोटा गुंबददार कक्ष है। जिसके बारे में माना जाता है कि, यह भगवान के प्राकट्य के बाद का निवास स्थान है।
मंदिर का इतिहास (Dau Ji Mandir History)
श्री दाऊ जी मंदिर 5,000 वर्षों से भी अधिक पुराना है। जिससे कल्याण देव जी की जीवन कथा जुड़ी हुई है। जिन्होंने मंदिर में मौजूद दोनों मूर्तियों को जमीन से बाहर निकाला था। जिसका आदेश स्वयं श्री दाऊ जी ने, कल्याण देव जी के सपने में आकर दिया था। इन मूर्तियों के बारे में कहा जाता है कि, ये श्री कृष्ण के पोते वज्रनाभ द्वारा बृज धाम के लिए बनाई गई 12 मूर्तियों में से एक हैं। जिन्हे बाद में, उन सभी को मिट्टी में दबा दिया गया था ।
मंदिर के बारे में खास बात
श्री दाऊ जी मंदिर में,ठाकुर बलदेव जी महाराज के जन्मोत्सव पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि जब सभी देव ब्रज को छोड़ कर चले गए, तब बलराम जी ब्रज के संरक्षक और रक्षक बनकर यहीं रहे। इसलिए दाऊजी को ब्रज का राजा माना जाता है। एक मान्यता यह भी है कि, यहां ब्रजराज प्यार और श्रद्धा से पुकारे जाने पर अदृश्य रूप में उपस्थित हो जाते हैं।