योगिराज बाबा देवराहा की गिनती भारत के इतिहास में हुए सबसे महान संतों में से एक में होती है। जो आधुनिक युग में कई बड़े राजनेताओं को अपना आशीर्वाद दे चुके हैं। जिनके भक्त उनके 900 साल तक जिंदा रहने का दावा करते हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि, देवराहा बाबा बिना वस्त्र और भोजन के कुछ खास सिद्धियों के साथ वर्षों तक जीवित रहे। लेकिन अंत समय में उन्होंने,11 जून सन् 1990 को वृंदावन में समाधि ले ली। तो आइए ऐसे चमत्कारी देवराहा बाबा के आश्रमनुमा मंदिर की कुछ और चमत्कारी बातें जानते हैं।

कौन थे देवराहा बाबा?

Devraha Baba | देवराह बाबा
Devraha Baba | देवराह बाबा

देवराहा बाबा एक महान योगी और संत थे। जिन्हें “जिंदा संत” और “चमत्कारी बाबा” के नाम से भी जाना जाता है। उनके जन्म और जीवनकाल के बारे में कई कथाएँ प्रचलित हैं। यह माना जाता है कि,वो लगभग 900 वर्षों तक अपनी सिद्दी और तपस्या के बल पर जिंदा रहे। देवराहा बाबा यमुना नदी के किनारे एक मचान पर रहते थे और अपने भक्तों को वहीं से आशीर्वाद देते थे।

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बाबा की सिद्धियों और चमत्कारी शक्तियों के कारण उनके अनुयायियों की संख्या अनगिनत थी। उन्होंने कई महत्वपूर्ण राजनेताओं के साथ-साथ साधारण जनों को भी अपना आशीर्वाद दिया और उनकी समस्याओं का समाधान किया। बाबा का जीवन सरलता और तपस्या का एक बेजोड़ उदाहरण था। जिनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरणा देती हैं।

देवराह बाबा आश्रम – Devraha Baba Ashram

Devrha baba | देवराह बाबा समाधि स्थल
Devrha baba | देवराह बाबा समाधि स्थल

देवराहा बाबा मंदिर की बनावट भव्य और आकर्षक है, जो पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर का मुख्य द्वार विशाल और सुंदर नक्काशी से सजाया गया है, जो श्रद्धालुओं का स्वागत करता है। मंदिर का प्रमुख हिस्सा गर्भगृह है, जहाँ देवराहा बाबा की मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति बाबा की शांत और ध्यानमग्न मुद्रा में है, जो श्रद्धालुओं को भक्ति और आध्यात्मिकता का अनुभव कराती है। गर्भगृह के चारों ओर की दीवारों पर विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और चित्र बनाए गए हैं,जो मंदिर की धार्मिक महत्ता को दर्शाते हैं। मंदिर के प्रांगण में एक बड़ा मंडप है, जहाँ भक्तजन पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन करते हैं। मंदिर की छत और स्तंभों पर की गई सुंदर नक्काशी इसे एक दिव्य और पवित्र स्थल बनाती है।

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मंदिर में मौजूद अन्य स्थल

Devrha baba | देवराह बाबा समाधि स्थल
Devrha baba | देवराह बाबा समाधि स्थल

देवराहा बाबा मंदिर के परिसर में कई अन्य महत्वपूर्ण स्थल हैं, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं। इनमें से एक प्रमुख स्थल है बाबा का वो मचान है, जहाँ वे अपने जीवनकाल में रहते थे और साधना करते थे। यह मचान यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसे देखने के लिए यहाँ दूर-दूर से भक्त आते हैं। मंदिर के परिसर में एक यज्ञशाला भी मौजूद है, जहाँ नियमित रूप से यज्ञ और हवन का आयोजन किया जाता है। जहाँ संत और साधु मिलकर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, जिससे मंदिर का वातावरण और भी पवित्र हो जाता है।

yagyakund
Yagyakund | यज्ञकुंड

मंदिर में एक गौशाला भी है, जहाँ गायों की देखभाल की जाती है। यह गौशाला पर्यावरण संरक्षण और गायों की महत्ता को दर्शाती है। इस गौशाला में अनुमान 250 गाय रहती हैं | इसके अलावा, मंदिर के परिसर में कई सुंदर उद्यान और जलाशय भी मौजूद हैं। जो मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ इसे एक आदर्श ध्यान स्थल बनाते हैं। मंदिर के पुस्तकालय में धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकों का संग्रह है, जहाँ श्रद्धालु और साधक ज्ञानार्जन कर सकते हैं। देवराहा बाबा मंदिर अपनी आध्यात्मिक महत्ता, भव्य बनावट और धार्मिक वातावरण के कारण वृंदावन का एक महत्वपूर्ण स्थल है। जहाँ श्रद्धालु शांति और मोक्ष की खोज में आते हैं।  

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Last Update: 14 October 2024

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