दोस्तों आपने श्री कृष्ण और राधा रानी के तो कईं मंदिर देखे होंगे | पुरे विश्व में ही उनकी लोकप्रियता बढती ही जा रही है | किंतु क्या आपने कही कीर्ति माता का मंदिर देखा है | राधा रानी के भक्तों को हम बता दें की कीर्ति जी हमारी राधा रानी जी की माता थीं | पुरे विश्व में सिर्फ बरसना ही एक ऐसी जगह है जहां पर आपको कीर्ति माता का मंदिर (Kriti Mandir Barsana) देखने को मिलेगा |
बरसाने का कीर्ति मंदिर पुरे विश्व में अपनी तरह का एक अकेला स्थान है | यह मंदिर किशोरी जी की मैया, कीर्ति रानी के याद में बनाया गया था, जो की बरसाने के प्रमुख मंदिरों में से एक है | इस मन्दिर का उद्घाटन 10 फरवरी, 2019 में हुआ था|
दर्शन का समय
प्रात – 05:30 AM – 06:30 AM
आरती – 08:30 AM – 12:00 Noon
सायं – 04:00 AM – 8:00 PM
कीर्ति मन्दिर का महत्व – Importance of Kirti Mandir
यह अपनी तरह का एकमात्र मंदिर है, जिसमें श्री राधा जी अपनी माँ की गोद में बैठी हैं। इस मंदिर का निर्माण स्वयं श्री जगद्गुरु कृपालु जी महाराज ने करवाया था | कृपालु जी महाराज वहीं हैं जिन्होंने वृन्दावन में प्रेम मंदिर और कृष्ण बलराम मंदिर का निर्माण कराया था | इसके निर्माण में उन्होंने इटालियन मार्बल का उपयोग गया था। इस मन्दिर महत्व बरसना में उतना ही है जितना वृन्दावन में प्रेम मन्दिर का है |
कीर्ति मन्दिर की वास्तुशैली
यह मन्दिर दिखने में बहुत ही मनमोहक है | इस पूरे मंदिर में कहीं भी सरिया और सीमेंट का प्रयोग नहीं किया गया है | केवल पत्थर के माध्यम से नागा शैली में इस मंदिर का निर्माण हुआ है | इसके निर्माण के लिए 11,000 टन लाल पत्थर लगा जो भरतपुर से मंगवाया गया था | मंदिर के शिखर पर अष्ट धातु के बने 25 कलश हैं जो शुद्ध सोने से कोट किए गए हैं |
मंदिर में राधा रानी जी अपनी मैया कीर्कीति माता की गोद में बैठीं दिखती हैं | साथ राधा कृष्ण और उनकी अष्ट सखियों की भी प्रतिमाएं देखने को मिलती हैं |
यह भी जानें – क्या है प्रेम मंदिर की प्रसिद्धि का कारण? Prem Mandir
कीर्ति मंदिर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ गजराज विराजमान है, जो की सनातन संस्कृति में संपन्नता का प्रतीक माना गया है | इस मन्दिर पर रात्रि के समय बहुत सुदर रौशनी की जाती है, जो की थोड़ी थोड़ी देर में बदल जाता है | इस मन्दिर की नकाशी की बात करें तो वह बहुत बारीकी से की गयी है, जो मन्दिर की सुन्दरता बढ़ा देती है |
कीर्ति मन्दिर के त्यौहार
बसंत पंचमी और होली के दिन इस मन्दिर में बहुत अच्छे से मनायी जाती है | भक्त उस दिन पधार के यहाँ के रस का आनंद लेते हैं | आम दिन श्रद्धालु इस मन्दिर की सुंदर बनावट और भक्तिमय आरती का सुख प्राप्त करते हैं |