सनातन धर्म की सार्थकता और विविधता हमेशा ही चौंकाती आई है | अक्सर ऐसा सुनने को मिलता है की कोई सुसम्पन्न व्यक्ति इस मायावी संसार से सन्यास लेता है | कभी कभी इनमे से कुछ सन्यासी ऐसे भी मिलते हैं जो बहुत ऊँची शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी सन्यास को ही अपना भाग्य बना लेते है |
ऐसे ही कुछ सन्यासियों में से एक हैं, IIT से पढ़े अभय सिंह जी | सोशल मीडिया पर खूब विरल हो रहे इन बाबा के बारे में जब लोगों ने जाना to उनके पैरों तले ज़मीन हिल गयी | आईये हम भी इन बाबा के बारे में थोडा जानने की कोशिश करते हैं |
आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई किये हुए, विदेश में लाखों रुपए पगार की नौकरी और सब कुछ छोड़ छाड़ कर अभय सिंह जी ने सबको चौका दिया है |

जब किसी पत्रकार ने IITian Baba से पूछा की अगर बाबा ही बनना था to इतनी पढाई क्यों की ? उसके जवाब में बाबा बताते हैं की, यह सब का जो ज्ञान मैंने अर्जित किया है | उस को मैं इकट्ठा कर सकता हूं और उसका आध्यात्मिकता के हिसाब से भी आंकलन कर सकता हूं | जो 64 कलाए बोली गई है, वह भी तो आध्यात्मिक ज्ञान है ना, उन सब चीजों को सीखना हो व विज्ञान हो चाहे इंजीनियरिंग हो या इंजीनियरिंग कैसे काम करती है | आप उसकी विद्या को देखोगे कैसे जुड़ती है |
हरियाणा के झज्जर के रहने वाले अभय सिंह ने इंजीनियरिंग के दौरान ह्यूमैनिटी और फिलॉसॉफी के विषय पढ़े हैं | सुकरात और प्लेटो जैसे दार्शनिकों की किताबों और लेखों से जीवन का अर्थ समझने की कोशिश की और करियर में उन्होंने फिजिक्स पढ़ाया, डिजाइनिंग सीखी और फोटोग्राफी में काम किया. फोटोग्राफी और अन्य कार्यों के बावजूद जीवन का उद्देश्य न मिलने से वे डिप्रेशन में चले गए | उनकी बहन ने उन्हें कनाडा बुलाकर संभालने की कोशिश की, लेकिन वहां भी उन्हें संतोष नहीं मिला |
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बाबा जी ने बताया की वे पढाई के दिनों में भी खूब साधना किया करते थे | उन्होंने इस बारे में अपने माता पिता से भी बात की थी, वे अब चीज़ों को समझने लगे हैं | कैसे ये संसार रूपी माया काम करती है | शुरू शुरू में उनके माँ बाप का मानना था की अब लड़का हाथ से निकल गया है | उन्होंने बताया की तकरीबन साढ़े तीन साल से बाबा ने वैराग्य धारण किया हुआ है |
बाबा अभय सिंह जी के गुरु का नाम गुरु हिरा पूरी जी है | उनके गुरु का कहना है की उनकी दीक्षा अभी चल रही है और वे हर पड़ाव के साथ साथ आगे बढ़ेंगे |
पत्रकारों से बात करते समय उनके पिता ने बताया की अभी सिंह जी शुरू से ही पढाई में बहुत अच्छे थे |