वृन्दावन में स्थित पागल बाबा मंदिर (Pagal Baba Mandir) को पागल बाबा आश्रम के नाम से भी जाना जाता है | यह वृन्दावन का एक प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र है। यह मन्दिर इस बात की पुष्टि करता है की प्रभु आज भी किसी न किसी रूप में स्वयं आकर अपने भक्तों के कष्टों का किवार्ण करते है |
विषय सूचि
दर्शन का समय
प्रात: – 07:00 AM -12:00 Noon
सायं – 03:00 PM – 08:00 PM
मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 7.5 KM



पागल बाबा मन्दिर की वास्तुकला एवं बनावट
पागल बाबा मंदिर की विशेषता इसका शांतिपूर्ण वातावरण है, जो बगीचों, पेड़ों और भक्तों के ध्यान और प्रार्थना करने के लिए रास्तों से घिरा हुआ है। मंदिर परिसर में मंदिर, ध्यान कक्ष और आध्यात्मिक सभाओं और प्रवचनों के लिए स्थान शामिल हैं। यह मंदिर वृंदावन के सबसे अद्भुत मंदिरों में से एक है 221 फीट ऊंचा नो मंजिलों वाला यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है | मुख्य मन्दिर के ठीक सामने एक कुंड बना हुआ है, जिसे सुदेवी कुंद कहा जाता है | बाबा की पत्नी का नाम सुदेवी था | इसी कुंड के बगल में शिव परिवार का मंदिर भी स्थापित है |
इस मन्दिर की सबसे खास बात यह है की ध्यान से देखने पर इस मन्दिर की इमारत में सभी धर्मों की वस्तुकारिता की झलक मिलती है | इस मंदीर में 9 मंजिलें है, और हर मंजिल पर एक मन्दिर है |
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इसकी प्रथम मंजिल जिसमें श्री राधा कृष्ण जी का सुंदर मंदिर स्थापित है | इसके सामने एक छोटे से मंदिर में श्री लीला नंदन ठाकुर जी यानी पागल बाबा की तस्वीर रखी हुई है [ इसकी दूसरी मंजिल श्री कृष्ण और बलराम जी का मंदिर है | इस मंदिर में श्रीकृष्ण और बलराम जी की सुंदर प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं | तीसरी मंजिल पर नंद यशोदा मंदिर है | यहाँ आप दर्शन करते हैं, माता यशोदा के जिन्होंने श्री कृष्ण जी को अपनी गोद में बिठा रखा है और बगल में विराजमान है नंद बाबा |
चौथी मंजिल पर है राम दरबार | यहाँ मंदिर में श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की सुंदर प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं | पांचवी मंजिल पर वामन अवतार मंदिर है | यह वही विष्णु अवतार हैं जिन्होंने तीन पग में ही पूरे ब्रह्मांड को नाप लिया था | छठवीं मंजिल जिस पर बना है श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर जिसमें श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की अति सुंदर प्रतिमाएं हैं | इस बहुमंजिला मन्दिर में सबसे उपरी मंजिल पर बना हुआ है ॐ मन्दिर | जिसमे हम ॐ का पूजन करते हैं |
पागल बाबा मन्दिर इतिहास – Pagal Baba Mandir History


मान्यता के अनुसार बाबा एक अदालत के जज थे | बाबा के सामने एक गरीब व्यक्ति का केस आया था | जिसमें स्वयं श्री बांके बिहारी जी एक बूढ़े व्यक्ति का रूप लेकर उस व्यक्ति की गवाही देने आए थे | जब बाबा को यह पता चला तभी से बाबा आपनी नौकरी छोड़कर अध्यात्म में लीन हो गए और लीन ऐसे हुए कि उन्हें पागल बाबा कहा जाने लगा |



पागल बाबा मंदिर का आध्यात्मिक महत्व
पागल बाबा मंदिर का नाम स्वामी हरिहर महाराज के नाम पर रखा गया है, जिन्हें लोकप्रिय रूप से पागल बाबा के नाम से जाना जाता है | जो एक संत और आध्यात्मिक शिक्षक थे। वह अपनी सरलता, भक्ति और आध्यात्मिकता पर आधारित, अपनी शिक्षाओं के लिए जाने जाते थे।
अपनी आध्यात्मिक गतिविधियों के अलावा, पागल बाबा आश्रम धर्मार्थ पहल और सामुदायिक सेवा परियोजनाओं, जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने, स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने और शिक्षा और कल्याण कार्यक्रमों का समर्थन करने में शामिल है।
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