राधारानी के अवतरण स्थल बरसाना में स्थित रंगीली महल ठीक उसी स्थान पर मौजूद है, जहां आज से 5 हजार साल पहले राधा रानी का महल हुआ करता था। छोटी और सुंदर पहाड़ियों से घिरे इस महल का, ब्रजमण्डल में बड़ा ही विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। जो राधा रानी की जन्मस्थली होने के साथ-साथ राधा-कृष्ण की लीलाओं को भी दर्शाता है। तो आइए राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम की झलकियों को अपने अंदर समेटे, इस दिव्य महल के सुखद भ्रमण पर चलते हैं।
दर्शन का समय
प्रात: – 08:00 AM to 12:00 Noon
सायं – 01:00 PM – 03:00 PM
रंगीली महल की वास्तुकला
रंगीली महल की वास्तुकला अद्वितीय और भव्य है। यह महल पारंपरिक भारतीय शैली में निर्मित है, जिसमें प्राचीन मंदिरों की झलक मिलती है। महल में मुख्यतः सफेद संगमरमर का प्रयोग हुआ है, जो इसकी सुंदरता को और भी बढ़ाता है। महल के चारों ओर विस्तृत बगीचे और जलाशय हैं, जो इसकी शोभा को और बढ़ाते हैं। महल की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है, जिसमें राधा-कृष्ण की लीलाओं का चित्रण है। छतों पर सुंदर चित्रकारी और जटिल डिजाइन बने हुए हैं, जो इसकी वास्तुकला की उत्कृष्टता को दर्शाते हैं। महल के प्रवेश द्वार पर भव्य तोरणद्वार और विशाल स्तंभ हैं, जो इसे राजसी अनुभव प्रदान करते हैं।
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महल में मौजूद मूर्तियां
रंगीली महल में राधा और कृष्ण की अनेक भव्य और सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। इन मूर्तियों को विशेष रूप से रंगीन वस्त्रों और आभूषणों से सजाया गया है। मुख्य गर्भगृह में राधा-कृष्ण की मुख्य मूर्ति स्थित है, जो अद्वितीय सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है। इसके अलावा महल में अनेक अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। जिनमें से प्रमुख हैं बालकृष्ण, गोपियाँ, और विभिन्न अवतारों की मूर्तियां। इन मूर्तियों को हर दिन विशेष अनुष्ठानों के दौरान पूजा जाता है और विभिन्न त्योहारों पर इनका विशेष श्रृंगार भी किया जाता है। मूर्तियों के अलावा महल की सुंदर चित्रकारी भी आकर्षण का एक अन्य केंद्र है। जो राधा-कृष्ण की विभिन्न लीलाओं और घटनाओं का चित्रण करती हैं।
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रंगीली महल का इतिहास – Rangeeli Mahal History
रंगीली महल का इतिहास काफी प्राचीन और समृद्ध है। 1996 में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने, राधारानी की इस प्राचीन जन्मस्थली पर उनकी याद में इस भव्य महल का निर्माण करवाया था। रंगीली महल राधा-कृष्ण के प्रेम और दोनों के एक दूसरे के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इस महल का निर्माण भारतीय शिल्पकला के उच्चतम मानकों के अनुसार किया गया था और इसे समय-समय पर विभिन्न कृष्णभक्तों द्वारा पुनर्निर्मित और सजाया गया है। रंगीली महल में हर साल हजारों भक्त और पर्यटक आते हैं, जो इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। लेकिन रंगीली महल केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है। बल्कि यह भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और आध्यात्मिकता का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है। रंगीली महल की भव्यता, सौंदर्य और शांति मन को अद्वितीय आनंद प्रदान करती है।