यूँ तो वृंदावन धाम में हज़ारों मंदिर राधा कृष्ण को समर्पित हैं | किंतु इनमे एक ख़ास स्थान रखता है, शाहजी मंदिर | यह मंदिर एक प्रमुख पूजा स्थल होने के साथ ही, अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला और समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। निधिवन के पास ही स्थित यह भगवान कृष्ण को समर्पित है और वृन्दावन के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। 

दर्शन का समय

प्रात: – 8:00 am – 11:00 am
सायं – 5:30 pm – 7:30 pm

AddressGotam Nagar, Vrindavan, Uttar Pradesh 281121
Location Open in Google Maps

मंदिर की वास्तुकला – ShahJi Mandir Architecture

जैसा की हमने बताया, मंदिर अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें जटिल नक्काशी, विस्तृत पेंटिंग और अलंकृत डिजाइन शामिल हैं। यह मन्दिर के निर्माताओं ने इसका डिज़ाइन राजस्थानी, इटालियन और बेल्जियम कला को ध्यान में रखते हुए बना है |

  • शाह जी मंदिर वृन्दावन | Shahji Mandir Vrindavan

संगमरमर से निर्मित मंदिर का अग्रभाग, विशेष रूप से प्रभावशाली है, जो कारीगरों के कौशल और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है। यह मन्दिर के एक बड़े हिस्से में टेढ़े स्तंभ भी हैं जिसके कारण यह टेढ़ा खम्बा मन्दिर के नाम भी प्रतिष्ठित है | इस मन्दिर में बहुत सुंदर फव्वारे भी बनाये गये हैं जो मन्दिर की सुन्दरता को और बाधा देते हैं |

मन्दिर की विशेषता

शाहजी मंदिर केवल पूजा स्थल ही नहीं बल्कि कला और संस्कृति का केंद्र भी है। इसमें सुंदर पेंटिंग, मूर्तियां और कलाकृतियां हैं जो हिंदू पौराणिक कथाओं के विभिन्न प्रसंगों को दर्शाती हैं, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती हैं।

इस मन्दिर के दायें ओर एक कमरा है, जिसे बसंती कमरा कहा जाता हिया | यह कमरा केवल बसंत पंचमी के दिन ही खुलता है, और उस दिन श्री कृष्णा बसंती कमरे से भक्तों को दर्शन देते हैं | इस मन्दिर के बीच में ठाकुर जी के लिए एक सिंहासन बना हुआ है, जहां वे केवल सावन के महीने में 11 शयनी एकादशी के दिन विराजमान होते हैं |

मन्दिर का इतिहास – ShahJi Mandir History

शाहजी मंदिर का एक लंबा और शानदार इतिहास है, जो कई शताब्दियों पुराना है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा कुंदललाल सिंह जी ने कराया था | और तभी से यह भगवान कृष्ण के अनुयायियों के लिए भक्ति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।

Categorized in:

मंदिर,

Last Update: 19 September 2024